fbpx

महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन

Updated Date : December 16, 2024
संगीत जगत में शोक की लहर
महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन

महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन, संगीत जगत में शोक की लहर

नई दिल्ली, 16 दिसंबर 2024

भारतीय संगीत जगत के अद्वितीय सितारे और विश्वविख्यात तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का आज सुबह मुंबई में निधन हो गया। 73 वर्षीय जाकिर हुसैन पिछले कुछ समय से बीमार थे और मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत को एक गहरी क्षति हुई है।

जाकिर हुसैन का नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वालों में सबसे प्रमुख था। उनकी तबला वादन की कला ने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। वह न केवल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के विशेषज्ञ थे, बल्कि उन्होंने वेस्टर्न फ्यूजन और वर्ल्ड म्यूजिक में भी अपनी अनोखी छाप छोड़ी।

संगीत जगत में शोक:
उनके निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। पंडित रवि शंकर के परिवार, अमजद अली खान, ए.आर. रहमान, और कई अन्य दिग्गज कलाकारों ने उनकी मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने भी उनकी मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए कहा, “उस्ताद जाकिर हुसैन का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर गौरवान्वित किया।”

जीवन की झलक:
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। वह प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्लारक्खा के पुत्र थे। उन्होंने अपने पिता से तबला सीखा और बचपन से ही मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनकी कला को पद्मश्री (1988) और पद्मभूषण (2002) जैसे राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया।

संगीत में योगदान:
जाकिर हुसैन ने “शक्ति” बैंड के माध्यम से फ्यूजन संगीत को नई पहचान दी। उनकी ग्रैमी पुरस्कार विजेता प्रस्तुतियों ने भारतीय संगीत को विश्व मंच पर गौरवान्वित किया।

अंतिम संस्कार:
उस्ताद जाकिर हुसैन का अंतिम संस्कार कल मुंबई में किया जाएगा। संगीत प्रेमी और उनके प्रशंसक उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में जुटने की उम्मीद है।

उनका निधन भारतीय संगीत जगत के लिए एक युग का अंत है। उनकी कला और योगदान हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेंगे।

 

उस्ताद जाकिर हुसैन ने नई दिल्ली में दी मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति

प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन ने नई दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित एक संगीत कार्यक्रम में अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमियों का जमावड़ा लगा, जहां जाकिर हुसैन ने अपनी उंगलियों की जादुई थाप से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में उन्होंने कई प्रसिद्ध रागों और तालों को प्रस्तुत किया। विशेष रूप से उनके द्वारा पेश किया गया राग “यमन” दर्शकों के दिलों को छू गया। उनकी प्रस्तुति में तबले और सारंगी का संयोजन अद्वितीय रहा, जिसने पूरे सभागार को तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा दिया।

उस्ताद जाकिर हुसैन ने इस मौके पर युवा पीढ़ी को भारतीय शास्त्रीय संगीत अपनाने और इसकी परंपराओं को जीवित रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “संगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ने का जरिया है। इसे सहेजना और आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है।”

कार्यक्रम में कई प्रसिद्ध हस्तियां और संगीत प्रेमी शामिल हुए। दर्शकों ने उनकी प्रस्तुति को भारतीय संगीत के प्रति अद्वितीय समर्पण का प्रतीक बताया।

यह कार्यक्रम भारतीय संगीत और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में जाकिर हुसैन के योगदान की एक और बेमिसाल झलक था।

 

उस्ताद जाकिर हुसैन: तबले के जादूगर, भारतीय शास्त्रीय संगीत का गौरव

भारत के प्रख्यात तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उनकी उंगलियों की थाप से तबले पर उत्पन्न होने वाली धुनें न केवल देश में, बल्कि पूरी दुनिया में संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

संगीत का प्रारंभिक सफर:
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ। वे महान तबला वादक उस्ताद अल्लारक्खा के पुत्र हैं। बचपन से ही संगीत उनके जीवन का हिस्सा रहा। महज 12 वर्ष की आयु में उन्होंने पहली बार मंच पर प्रस्तुति दी।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति:
जाकिर हुसैन ने न केवल भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया, बल्कि इसे वैश्विक पहचान दिलाई। उन्होंने अपने करियर में पंडित रवि शंकर, उस्ताद अली अकबर खान, जॉन मैकलॉफलिन और मिकी हार्ट जैसे महान कलाकारों के साथ काम किया। उनकी बैंड “शक्ति” ने फ्यूजन संगीत की एक नई पहचान बनाई।

पुरस्कार और सम्मान:
जाकिर हुसैन को उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। 1988 में उन्हें पद्म श्री, और 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, वे ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले चुनिंदा भारतीय कलाकारों में से एक हैं।

शास्त्रीय संगीत में योगदान:
उस्ताद जाकिर हुसैन भारतीय संगीत की हर शैली में निपुण हैं, चाहे वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत हो, कर्नाटक संगीत, या फिर वेस्टर्न फ्यूजन। उनके तबले की थाप संगीत प्रेमियों को भारतीय संस्कृति और उसकी गहराई से जोड़ने का काम करती है।

आधुनिक युग में प्रभाव:
आज भी जाकिर हुसैन नई पीढ़ी के संगीतकारों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। उनकी प्रस्तुतियां यह साबित करती हैं कि संगीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्मा को छूने वाली साधना है।उस्ताद जाकिर हुसैन न केवल एक महान तबला वादक हैं, बल्कि भारतीय संगीत के एक ऐसे राजदूत हैं, जिन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया है। उनका जीवन और संगीत सभी के लिए प्रेरणा है।

Gallery

https://citynews24india.com/news/zakir-hussain-death/
Post Related searches

NewsDesk

City News 24 India
City News पर पढ़े ताज़ा राष्ट्रीय समाचार (National News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए whatsapp करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।

At city news 24 India Our mission is to organise the India's News information and make it universally accessible and useful.
City News 24, your trusted source for real-time news coverage from around the city and beyond. We're committed to delivering the latest updates on politics, business, culture, and community stories that matter most to you. With in-depth analysis, expert commentary, and on-the-ground reporting, City News 24 brings you the facts you need to stay informed. Whether it's breaking news or a heartwarming local story, we're here to keep you connected to your city. Stay tuned to City News 24, where every story counts, and your voice is heard.
Search :

City news 24 today | City News live Today | City news 24 live | City news 24 samachar
© 2024 City News 24 Gurugram. All rights reserved.